मनुष्य के सभी गुणों में साहस सबसे पहला गुण है, क्योंकि यह सभी गुणों की जिम्मेदारी वहन करता है।
-चर्चिल
के स्थान पर स्वयं जा पहुँचे बकासुर के पास। भोजन रास्ते में स्वयं ही कर लिया था। खाली हाथ देखकर राक्षस के क्रोध का पारावार न रहा। वह देर से आने से भीम को अपशब्द बकने लगा। साहसी भीम दुष्ट पर टूट पड़े। अत्याचारी राक्षस का अब तक किसी से सामना नहीं हुआ था इसीलिये वह अहंकार में डूबा बैठा था पर जैसे ही भीम ने उस पर प्रहार किया उसे अपनी दुर्बलता का ज्ञान हो गया। भीम को भी पता चल गया कि दुष्टता केवल दिखावे में शक्तिशाली होती है भीतर से तो वह खोखली ही होती है। थोड़ी ही देर में उन्होंने धराशायी कर दिया बकासुर को। और यह सिद्ध कर दिया कि जो लोग अन्याय और अत्याचार से लड़ने से डरते नहीं वही उनका अन्त करने का श्रेय व सम्मान प्राप्त करते हैं।