‘वन्देमातरम’ गीत के रचयिता श्री बंकिम नाथ अंग्रेजी सरकार की सेवा में थे फिर अंग्रेजी के अन्धाधुन्ध प्रयोग से उन्हें अत्यन्त चिढ़ थी। एक बार एक भारतीय साहित्यकार ने उन्हें अंग्रेजी में पत्र लिखा। बंगला में उत्तर देते हुए बंकिमबाबू ने लिखा -”अंग्रेजी आपकी मातृ भाषा नहीं है और मेरी भी नहीं है। इसलिए अंग्रेजी में पत्र लिखने में क्या तुक है। मेरी समझ में नहीं आता ।”