शैतान सब आदमियों का बहकाता है किन्तु आलसी आदमी शैतान को बहकाता है।
*****
अपने बच्चों को पहला पाठ आज्ञापालन का सिखाओ और दूसरा जो तुम्हारी इच्छा हो।
*****
हमें ईश्वर का सच्चा साक्षात्कार तभी होता है, जब हम उसके सामने अपनी याचनाएँ न लेकर किन्तु अपनी भेंटें लेकर जाते हैं।
*****
यदि कोई चाहे कि वह दुनिया में अपना स्वार्थ साधन भी करे और ईश्वर को भी प्राप्त कर ले, तो यह सम्भव है।
*****
सुधार से बहुत कुछ होता है, किन्तु प्रोत्साहन से और भी अधिक होता है। डाँट के पश्चात प्रोत्साहन ऐसा है जैसा वर्षा के बाद धूप।
----***----