अखण्ड ज्योति के कुछ अमूल्य रत्न

March 1941

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मनुष्य को देवता बनाने वाली यह पुस्तकें छपकर तैयार हैं।

1-मैं क्या हूँ?—यह पुस्तक आत्मा के अमरत्व और उसके वास्तविक स्वरूप का प्रत्यक्ष चित्र है। इसमें आत्मसाक्षात्कार के लिए कुछ सरल साधन बताये गये हैं, जिन्हें थोड़े समय में कर सकते हैं और अमर फल प्राप्त कर सकते हैं। मूल्य । : ) आना।

2-सूर्य चिकित्सा विज्ञान—सूर्य की प्रचंड रोग नाशक शक्ति से एक साधारण बुद्धि का आदमी कठिन से कठिन रोगों को अच्छा कर सकता है। इस विज्ञान को अनेक डाक्टरी खोजों के आधार पर लिखा गया है। मूल्य।: )

3-प्राण चिकित्सा विज्ञान—मनुष्य के अन्दर गजब की विद्युत शक्ति है। इसका प्रयोग करके अपने और दूसरों के कष्टों को दूर किया जा सकता है। तंत्र चिकित्सा की प्राचीन पद्धति को यह पुस्तक वैज्ञानिक रूप से उपस्थित करती है। विदेशों में इस विधि से बड़े-बड़े अस्पताल चल रहे हैं। मूल्य । : )

4-पर काया प्रवेश—इस पुस्तक में मैस्मरेजम के ढंग पर कुछ ऐसे उपाय बताये गये हैं जिनके आधार पर मनुष्य दूसरे के शरीर में अपनी प्राण शक्ति को प्रवेश करके उसके विचारों में आश्चर्य जनक परिवर्तन करके उसे अपनी इच्छानुसार चलाने को मजबूर कर सकता है। मूल्य। : )

वी.पी.मंगाने से । : ) अधिक लगेंगे। इसलिये मूल्य मनीआर्डर से भेजिए। पुस्तकें सुरक्षित पहुँचाने के लिए) ॥ का टिकट कम लगाते हैं, अस्तु वे-) की वैरंग होकर पहुँचेगी।

मैनेजर—अखंड-ज्योति कार्यालय, मथुरा।


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