अखण्ड ज्योति के नियम

September 1940

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अखण्ड ज्योति का वार्षिक मूल्य 1॥) रु. एक प्रति का नौ पैसा है। मूल्य मनीऑर्डर से ही भेजना चाहिए। वी.पी. मँगाने पर 1) अधिक देने पड़ते हैं।

लेख या कविताएँ केवल आध्यात्मिक, योगशास्त्र, तन्त्र विज्ञान, मैस्मरेजम, मानसिक शक्ति यों की विवेचना, प्राकृतिक चिकित्सा तथा सदाचार पर ही आने चाहिए। अन्य विषयों को स्थान न दिया जायगा। लेख जहाँ तक हो सके छोटे होने चाहिए।

उत्तर के लिए जवाबी कार्ड या टिकट भेजना चाहिए अन्यथा उत्तर न दिया जाएगा।

प्रत्येक अंक जरूरत भर ही छपाया जाता है, इसलिए पुराने अंक लेने के लिए कोई सज्जन पत्र व्यवहार न करें।

अखण्ड ज्योति के मूल्य में कमी करने के लिए पत्र व्यवहार करना व्यर्थ है। एक वर्ष से कम के लिए अखण्ड ज्योति के ग्राहक नहीं बनाये जाते।

अखण्ड ज्योति की एजेन्सी कम से कम 6 प्रति. प्रतिमास लेने पर दी जाती है। जिन्हें एजेन्सी लेनी हो वे कमीशन आदि के बारे में पत्र व्यवहार करें।

‘अखण्ड ज्योति’ प्रतिमास ठीक 20 तारीख को निकल जाती है। हमारे यहाँ से दो बार जाँच कर सब ग्राहकों के पास अखबार भेजा जाता है। फिर भी जिनको एक सप्ताह के अन्दर न मिले उन्हें रुष्ट न होकर डाकखाने के उत्तर सहित हमें लिखना चाहिए।

अध्यात्म विद्या प्रेमियों के चित्र अखण्ड ज्योति में छापे जाते हैं। पाठकों से प्रार्थना है कि वे लोक सेवी, सदाचारी एवं ईश्वर भक्त सज्जनों के परिचय भिजवाने की कृपा करें।

पत्र व्यवहार का पता-

मैनेजर- अखण्ड ज्योति फ्रीगंज, आगरा।

वर्ष-1 सम्पादक-श्रीराम शर्मा अंक-9


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