Quotation

July 2002

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

यदि भारत को वस्तुतः सुखी रहने की आकाँक्षा हो, यदि कोई इसका ठोस और वास्तविक आधार प्राप्त करना चाहता हो, तो उसे सन्मार्ग ही अपनाना होगा, सद्भावों को धारणा करना होगा, सत्कर्मों को ही करना होगा और यह तभी संभव है जब मनःक्षेत्र में अध्यात्म विचारधारा की सुदृढ़ स्थापना हो।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles