VigyapanSuchana

October 2001

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विशेष ज्ञातव्य

पिछले दिनों अमेरिका के “वर्ल्ड ट्रेड सेंटर” एवं “पेंटागन” पर हुए आतंकी हमले तथा उसकी प्रतिक्रियास्वरूप एक विश्वव्यापी संकट की सी स्थिति आ गई है। निश्चित रूप से आतंकवाद समाप्त होना चाहिए एवं विश्वशाँति का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए। इसके लिए प्रयास सभी ओर से चल रहे हैं। आध्यात्मिक स्तर पर भी प्रयास हों, इसके लिए “शिव गायत्री” का मंत्र जप करे हेतु सभी परिजनों से कहा जा रहा है। यदि दैनिक या साप्ताहिक यज्ञ करते हैं, तो इस मंत्र की पाँच आहुतियों से विशेष हवन किया जाए तथा इस युग के देवता महाकाल से चहुँओर शाँति की प्रार्थना की जाए। साथ ही सभी परिजन, मण्डल, शाखाएँ एवं शक्तिपीठ अपने यहाँ दिवंगतों की शाँति हेतु एक यज्ञ करके आहुति अवश्य दें। मंत्र एवं दोनों आहुतियाँ नीचे दी जा रही हैं।

जप हेतु शिव गायत्री मंत्र−

ॐ पञ्चवक्त्राय विद्महे, महादेवाय धीमहि। तत्रो रुद्रः प्रचोदयात्॥

इस मंत्र से एक माला जप सभी साधक करें। एक माला क्लीं बीज मंत्र के साथ गायत्री मंत्र की करें। मंत्र इस प्रकार हैं−

ॐ भूर्भुवः स्वः क्लीं क्लीं क्लीं तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् क्लीं क्लीं क्लीं ॐ।

अनिष्ट निवारणार्थ विशेष आहुति−

ॐ पञ्चवक्त्राय विद्महे, महादेवाय धीमहि। तत्रो रुद्रः प्रचोदयात् स्वाहा॥ इदं रुद्राय, इदं न मम।

दिवंगत आत्माओं की आत्मा की शाँति के लिए आहुति−

ॐ शत्रो मित्रः शं वरुणः शत्रो भवत्यर्य्यमा। शत्रऽइद्रों बृहस्पतिः शत्रो विष्णुरुरुक्रमः स्वाहा॥

इदं दिवंगतानाँ शान्त्यर्थ इदं न मम।


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