परोक्ष शक्ति विचित्र ये खेल

October 2001

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इस संसार में अनेकों व्यक्ति ऐसे हैं जो अपने में अनेकानेक विलक्षणताएँ समेटे हुए हैं। इनमें से अधिकाँश अपनी विशेषता से अनभिज्ञ सामान्य−सा जीवनयापन करते हुए जीवन−यात्रा पूरी कर लेते हैं, पर कुछ अपने व्यक्तित्व की विचित्र विशेषता के कारण लोगों के आकर्षण का केंद्र बन प्रसिद्ध हो जाते हैं।

लौरिंकेप बलेरिज ऐसा व्यक्ति है, जो अपने शरीर में बिजली एकत्रित कर सकता है। बलेरिज जो टोकियो में आयोजित प्रदर्शनी ‘दुनिया के अजीबोगरीब व्यक्ति’ में शामिल हुआ। व्यावसायिक रूप से वह एक घुमंतू सेल्समैन है, लेकिन उसके विलक्षण गुणों के बारे में दूर−दूर तक कहानियाँ फैल चुकी हैं। वह अपने आश्चर्यजनक करतबों को दिखाने के लिए महीने के अधिकाँश दिनों में व्यस्त रहता है।

बलेरिज जब किसी बल्ब को अपने हाथ में पकड़ता है, तो बल्ब जब उठता है। इलैक्ट्रिक ओवन या पंखे के तार उसके शरीर के किसी भी भाग से स्पर्श होते ही वे चलने लग जाते हैं। उसकी अँगुलियों के छूने मात्र से कागज या रबड़ जलने लग जाते हैं। उसके इन कारनामों में सबसे मुख्य बात यह है कि वह अपनी इच्छानुसार जब चाहे अपने शरीर की बिजली को रोक अथवा चालू कर सकता है।

इटली के पास सिसिली द्वीप के एक परिवार में एक विलक्षण बालक पैदा हुआ, उसके तीन पैर थे। शिशु का नाम रखा गया फ्राँसिसे। छह बरस की उम्र तक फ्राँसिसे तीनों पैरों पर चल−फिर, उछल−कूद और भाग−दौड़ सकता था, पर उसके बाद उसके सामान्य पैर तीसरे पैर की अपेक्षा ज्यादा तेजी से बढ़ने लगे और अधिक लंबे हो गए। अब उसका तीसरा पैर उसके शेष दोनों पैरों की अपेक्षा तीन इंच छोटा था, किंतु वह उसे स्वतंत्र रूप से हिला−डुला सकता था एवं उससे फुटबाल भी खेल सकता था। वह सरकस में भरती हो गया। उसका तीन पैरों का फुटबाल का खेल सरकस के प्रमुख आकर्षणों में से था। फ्राँसिसे ने शादी की और उसके घर स्वस्थ−सामान्य बच्चे पैदा हुए। 71 वर्ष की उम्र में उसकी मृत्यु हुई।

इस तरह के आश्चर्य सिर्फ पुरुषों में ही नहीं पाए जाते, अपितु महिलाएँ भी इस मामलों में पीछे नहीं हैं। सुराहीदार गरदन शब्द का प्रयोग सामान्यतः महिलाओं की सुँदरता के संबंध में होता रहा है, परंतु स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम की एक महिला की, जिसका नाम एवासोएम है, गर्दन को किसी भी तरह सुराहीदार नहीं कहा जा सकता। उसे देखकर तो मन में एक मादा जिराफ की छवि उभरकर सामने आती है। इसे प्रकृति की एक विचित्र बात ही कहा जा सकता है कि एवा की गर्दन लगभग 32 इंच लंबी है। वह पूर्णतः सामान्य जीवनयापन कर रही है।

महिलाओं का सामान्य कद प्रायः पाँच से साढ़े पाँच फुट के मध्य होता है, किंतु लंदन की जेनी नाम की एक लड़की सिर्फ ग्यारह वर्ष की आयु में ही साढ़े छह फुट लंबी थी। मृत्यु के समय उसका कद सात फुट सवा ग्यारह इंच था। इसके विपरीत लंदन की ही एक लड़की पनीला की लंबाई 21 वर्ष की उम्र में भी 23, 2 इंच थी।

कुछ महिलाएँ अपने दूसरी तरह की अनोखी विशेषताओं के कारण प्रसिद्ध हुई। इटली की पेनिसा नामक महिला रबड़ की गुड़िया जैसी थी। ऊँचे स्थान से गिरने पर वह गेंद की भाँति उछला करती थी, लेकिन उसे चोट कभी नहीं लगी। रोम की एक नर्तकी के गले से अँधेरे में लाल रंग का प्रकाश निकलता था। अफ्रीका की एक महिला की आँखों से रात में नीला धुआँ निकला करता। ये विलक्षणताएं प्रकृति माता के गर्भ से उपजे अनोखे आश्चर्य हैं और यत्र−तत्र−सर्वत्र इस तरह की विलक्षणता विद्यमान है। वैज्ञानिक अन्वेषण भी इस तरह के रहस्यों से परदा उठा पाने में असफल रहा है। ऐसे में यही कहना पड़ता है कि कोई अदृश्य शक्ति इन विचित्रताओं के रूप में हमें अपना खेल दिखाती रहती है।


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