Quotation

July 2000

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मनुष्य ने जिस प्रथम अनुभव में अपने भीतर छिपी अतींद्रिय, अलौकिक क्षमता को जाना, उसे हजारों-लाखों वर्ष हो गए। तब से अब तक तंत्र के कितने ही गुह्य आयाम खोज लिए गए है। उनकी ऊँचाइयाँ छुई जा चुकी हैं और प्रत्येक ऊँचाई की एक ही शर्त है-सक्रिय व सतत् अभ्यास।


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