Quotation

April 1997

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सामान्य पुरुष द्वारा कहा गया शास्त्र भी यदि युक्तियुक्त, सत्य का बोध कराने वाला हो तो वह ग्रहण कर लेना चाहिए। अन्य इसके विरुद्ध ऋषि प्रोक्त ही क्यों न हो, त्याज्य है।


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