मानसिक एवं आत्मिक बल (Kahani)

August 1994

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

रे एवरी इटली का विख्यात खिलाड़ी बचपन में न केवल दुबला पतला था, बल्कि अपंग था। वह ठीक से चल भी नहीं सकता था। डाक्टरों ने पैरों के व्यायाम और मालिश की सलाह दी, साथ यह भी कह दिया कि यदि कोई चमत्कार हो जाय तो वह चलने फिरने के लायक हो सकेगा। शुरू में उसका चलना-फिरना, घूमना व्हील चेयर पर ही होता था।

लेकिन उसके आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति ने उसे न केवल अपने पैरों पर खड़ा कर दिया बल्कि वह कूदने लगा। ऊँची कूद में इतना माहिर हो गया कि लोगों ने यहाँ तक कहना शुरू कर दिया कि उसके पैरों में मानों स्प्रिंग लगे हों।

इसी अपंग युवक ने पेरिस और सेंटलुइस में ऊँची कूद, लंबी कूद और तिहरी कूद में स्वर्ण पदक जीते। उसने यह सिद्ध कर दिखाया कि शारीरिक कमियों को भी मानसिक एवं आत्मिक बल से दूर किया जा सकता है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118