संकल्प और समर्पण का अभिनव संस्करणअन्तःकरण से उमड़ रही है प्रवाह परिवर्तन की आवाज

April 1988

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बसंत पर्व और महा शिवरात्रि पर शान्ति कुज पधारे प्रायः पंद्रह हजार परिजनों ने जिस तरह समर्पित होकर युग के वर्तमान नासमझी पूर्ण प्रवाह परिवर्तन का समवेत संकल्प लिया उससे ऐसा लगता है यह सब किसी अदृश्य शक्ति की प्रेरणा से हो रहा हो।

सारे देश में दीप-यज्ञों के व्यापक विस्तार, दुष्प्रवृत्ति उन्मूलन, सत्प्रवृत्ति संवर्धन और नारी जागरण कार्यक्रमों का जिस गति से प्रवाह उमड़ा है उससे भी उपरोक्त तथ्य की पुष्टि होती है। प्रस्तुत है कुछ इसी आशय के समाचार -

एटा- जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में दीप-यज्ञ कार्यक्रम सानन्द सम्पन्न हुआ। महाविद्यालय के छात्रों द्वारा समूचे क्षेत्र में सद्वाक्य लेखन किया गया। जिला उद्योग विभाग के मार्केटिंग मैनेजर डा. एस. वी. एस. गौतम सेवायोजना अधिकारी प्रथम श्री डा. राकेश मधुकर तथा योजना अधिकारी द्वितीय श्री सुभाष दीक्षित के अतिरिक्त नगर के प्रतिष्ठित नागरिक भी सम्मिलित हुए। रचनात्मक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए संकल्प पत्र भरे गये।

अलीराजपुर- स्थानीय गायत्री परिवार शाखा द्वारा सत्प्रवृत्ति संवर्धन एवं दुष्प्रवृत्ति उन्मूलन अभियान के अंतर्गत 9 स्थानों पर शतवेदीय दीप-यज्ञ कार्यक्रम सम्पन्न हुए। 24 और स्थानों पर यह आयोजन कराने का संकल्प परिजनों द्वारा लिया गया। सभी जगह इस वर्ष के निर्धारित रचनात्मक कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए संकल्प पत्र भरे गये। अपने क्षेत्र में अखंड-ज्योति के दुगने सदस्य बनाने का प्रयास कार्यकर्ताओं द्वारा चल रहा है।

देवरिया- इस वर्ष पूज्य गुरुदेव के हजार गुने लक्ष्य का आह्वान सुनकर कार्यकर्ताओं ने अखंड-ज्योति पत्रिका के नये सदस्य बनाने की व्यापक योजना बनाई है। इसके अंतर्गत विद्यालयों में छात्रों एवं अध्यापकों के बीच पूज्य गुरुदेव का संदेश सुनाया जाता है। पिछले माह देवरिया तथा गोरखपुर जिले के कुल 21 इन्टर कालेजों में यह कार्यक्रम सम्पन्न हुए जहाँ 1000 अखंड-ज्योति पत्रिका के सदस्य बने। प्रत्येक सदस्य द्वारा एक और नया सदस्य बनाने का संकल्प लिया गया। प्रत्येक विद्यालय में लगभग हजार रुपये का साहित्य पुस्तकालयों में रखा गया।

कोठी (बाराबंकी) इसरौली सारी गाँव में आयोजित दीप-यज्ञ कार्यक्रम दहेज उन्मूलन, नशा निवारण, हरीतिमा संवर्धन जैसे रचनात्मक कार्यक्रमों के संकल्प के साथ पूरा हुआ। युग निर्माण के गीतों को सुनकर हजारों श्रोता झूम उठे। शान्ति कुँज में चल रहे सत्रों में सम्मिलित होने हेतु गणमान्य व्यक्तियों ने आवेदन पत्र भरे। अखण्ड-ज्योति पत्रिका के माध्यम से परम पूज्य गुरुदेव का संदेश जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प भी कर्मठ कार्यकर्त्ताओं द्वारा लिया गया।

रामकोला (देवरिया)- जनता इन्टर कालेज रामकोला के प्रधानाचार्य श्री पारसनाथ सिंह द्वारा आयोजित दीप-यज्ञ कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत प्रज्ञागीत ने जन समुदाय का मन मोह लिया। विद्यालय प्राँगण में आयोजित इस कार्यक्रम में नगर के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के अतिरिक्त अपार जनसमूह सम्मिलित हुआ। प्राचार्य जी के प्रयासों से अखंड-ज्योति के सदस्यों की संख्या निरन्तर बढ़ रही है।

महाशिवरात्रि पर्व और बसंत पर्व एक समान।

शान्ति-कुँज (हरिद्वार)- महाशिवरात्रि पर्व पर प्रायः 6 हजार परिजन आये और सच्चे अर्थों में शिव अभिषेक किया। आगन्तुकों ने एक स्वर से समर्पित होकर राष्ट्र के अभ्युत्थान का संकल्प लिया।

15 और 17 फरवरी को वंदनीय माताजी ने उद्बोधन किया। उन्होंने नये कार्यक्रमों- (1) गाँव-गाँव दीप-यज्ञ (2) समय दान (3) नारी जागरण (4) अखण्ड-ज्योति आलोक विस्तार (5) प्रवाह परिवर्तन कार्यक्रमों की व्याख्या की। उपस्थित जन समुदाय भाव विभोर हो उठा। प्रत्येक कार्य इतने अनुशासित ढंग से सम्पन्न हुए कि दर्शक आश्चर्यचकित रह गये। परम पूज्य गुरुदेव की हजार भुजायें बनने के आह्वान को हजार से भी अधिक लोगों ने लिखित संवरण देकर पूर्ण किया।

राजपुर- शत कुण्डीय दीप-यज्ञ कार्यक्रम श्रद्धा-सिक्त वातावरण में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर उपस्थित जन समूह ने युग-निर्माण योजना द्वारा नशा निवारण, दहेज उन्मूलन; वृक्षारोपण तथा प्रौढ़ शिक्षा विस्तार जैसे कार्यक्रमों को सामयिक मानकर इन्हें क्रियान्वित करने के लिए भाव-भरे संकल्प लिए। सद्वाक्य लेखन द्वारा रास्ते चलते प्रेरणा देने का कार्यक्रम व्यापक स्तर पर चलाने का संकल्प लिया गया।

बम्बई- गायत्री प्रज्ञा मंदिर मुलुपवाड़ी में बसंत पर्व भाव भरे वातावरण में सम्पन्न हुआ। मिशन और उसके क्रिया कलापों पर प्रकाश डाला गया। सामूहिक विवाह बच्चों के संस्कार एवं अन्य धार्मिक कृत्य सफल हुए। अखण्ड-ज्योति, युग शक्ति गायत्री के सदस्य बनाये गये। इस अभियान को तीव्र करने का निश्चय किया गया।

रतवाड़ा (होशंगावाद)- श्री चम्पालाल मण्डलोई तथा श्री सतीश कुमार जोशी के प्रयास से दीप-यज्ञ कार्यक्रम आशातीत सफलता के साथ सम्पन्न हुआ। ग्राम में यह कार्यक्रम उत्सव के रूप में मनाया गया। रचनात्मक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए शाखा गठन कर श्री धनपाल सिंह राजपूत को कार्यवाहक बनाया गया। आयोजन के समय ही 25 अखण्ड-ज्योति पत्रिका के नियमित सदस्य बनाये गये। समीपवर्ती क्षेत्र में 100 नए सदस्य बनाने का संकल्प लिया गया।

दोन्ता (देवास)- शाजापुर शाखा के प्रयास तथा श्री नारायण सिंह सोलंकी के सहयोग से दीप-यज्ञ कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। सरपंच श्री नारायण सिंह अस्वस्थ होने के बावजूद ग्राम वासियों का उत्साहवर्धन करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रहें। ग्रामवासियों ने नशा निवारण दहेज उन्मूलन, वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिए भाव भरे संकल्प लिए। 10 अखण्ड-ज्योति पत्रिका के सदस्य तुरंत बने। यह संख्या 100 तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है।

आरुवा (पाली)- सत्प्रवृत्ति संवर्धन एवं दुष्प्रवृत्ति उन्मूलन के संकल्पों के साथ दीप-यज्ञ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। ग्राम वासियों ने उत्साहपूर्वक संकल्प पत्र भरे। शाखा कार्यवाहक श्री कुन्दन सिंह द्वारा अपने क्षेत्र में अधिकाधिक अखण्ड-ज्योति पत्रिका के नियमित सदस्य बनाने का संकल्प लिया गया।

अनपरा (मिर्जापुर)- अनपरा तापीय परियोजना में दीपयज्ञ कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में अधिकाँश प्रबुद्ध वर्ग उपस्थित रहा। सभी ने देश की वर्तमान स्थिति में इस सामयिक कार्यक्रम द्वारा जन-जागरण के प्रयास की सराहना की। समूचे क्षेत्र में महाप्रज्ञा के आलोक के विस्तार के लिए परमपूज्य गुरुदेव के व्यक्तिगत पत्र के रूप में अधिकाधिक स्वजनों तक अखण्ड-ज्योति पत्रिका पहुँचाने का संकल्प शाखा कार्यकर्ताओं ने लिया।

डोंगरगाँव- वार्षिकोत्सव के रूप में दीप-यज्ञ कार्यक्रम उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। समूचे क्षेत्र में सद्वाक्य लेखन कार्यक्रम उत्साहपूर्वक कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया। अखण्ड-ज्योति पत्रिकाओं के अधिकाधिक सदस्य बनाने का संकल्प स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा लिया गया।

तेलडीहा (पूर्णिया)- शतवेदीय दीप-यज्ञ कार्यक्रम अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक स्तर पर सम्पन्न हुआ। यह विशाल आयोजन इस पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा का श्रोत सिद्ध हुआ। कार्यक्रम में सभी धर्मानुयायी बड़े उत्साह के साथ सम्मिलित हुए। इस आयोजन में कुल उपस्थिति लगभग 50 हजार तक रही। जन समुदाय के इस उत्साह को बनाये रखने के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं ने योजना बनाई है। टोली-बद्ध रूप से अपने संपर्क क्षेत्र में अधिकाधिक अखण्ड-ज्योति पत्रिका के सदस्य बनाकर आयोजन की ऊर्जा से समूचे क्षेत्र को अनुप्राणित करने में संलग्न है।

गौरा (सुल्तानपुर)- शतवदीय दीप-यज्ञ कार्यक्रम सत्प्रवृत्ति संवर्धन एवं दुष्प्रवृत्ति उन्मूलन के संकल्पों के साथ सोल्लास सम्पन्न हुआ। श्री आद्याप्रसाद विद्यार्थी के नेतृत्व में सुल्तानपुर से पहुँची टोली द्वारा प्रेरणादायी उद्बोधन सुनने के लिए भारी संख्या में जन समूह इकट्ठा हुआ। लगभग 200 व्यक्तियों ने नशा निवारण, दहेज उन्मूलन के लिए संकल्प पत्र भरे।

बलीपुर (सुल्तानपुर)- प्रबुद्ध जन समुदाय की भारी संख्या के बीच शतवेदीय दीप-यज्ञ कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा अखण्ड-ज्योति पत्रिका के अधिकाधिक नियमित सदस्य बनाने का संकल्प लिया गया। 150 से भी अधिक नये कार्यकर्ता इस आयोजन में उभरकर आये।

पाँढुर्णा - शतवेदीय दीप-यज्ञ कार्यक्रम भाव-भरे वातावरण में सम्पन्न हुआ। श्री दामोदर बेन्डे के नेतृत्व में सौंसर शाख की टोली समूचे क्षेत्र में प्रज्ञा आलोक के विस्तार में अभूतपूर्व उत्साह के साथ संलग्न है। कार्यक्रमों की सफलता में श्री

धनंजय मोयर मैनेजर बजाज ग्राम का सराहनीय योगदान मिल रहा है। श्री मोयर अपने वाहन से कार्यक्रम स्थल पर टोली पहुँचाने व वापस भिजवाने का महत्वपूर्ण कार्य करते है। इस वर्ष कार्यकर्ता विशेष रूप से अखण्ड-ज्योति के नये सदस्य बनाने में लगे हुए है।

नेपानगर - श्री रमेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में श्री गिरधारी लाल बख्क्षी तिवारी तथा श्रीमती विद्यादेवी तिवारी द्वारा समूचे क्षेत्र में जन जागरण का महत्व पूर्ण प्रयास किया जा रहा है। पत्रिकाओं की संख्या दूनी करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। समीपवर्ती क्षेत्र में अभी तक 21 स्थानों पर दीप-यज्ञ कार्यक्रम दुष्प्रवृत्ति उन्मूलन संकल्पों के साथ हो चुके हैं।

कोरबा - सारे क्षेत्र में प्रायः 30 स्थानों में दीप-यज्ञ आयोजनों की श्रृंखला बहुत उत्साह पूर्वक सफल हो रही है। इन आयोजनों का व्यापक प्रभाव पड़ा है। अनेक सदस्य बने है और वर्तमान नारी जागरण समयदान और दीप यज्ञों के प्रति व्यापक उत्साह जगा है।


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