इस पर स्वामी जी ने उत्तर दिया बंदूक बहुत अच्छी होते हुए भी यदि कोई उसे चलाना न जाने तो उसे सैनिक का श्रेय नहीं मिल सकता। इसी प्रकार भारत का दर्शन तो ऊँचा है पर भारतीय उसे व्यवहार में लाना नहीं जानते।