मजाक का प्रयोग सुधार के लिए(kahani)

November 1975

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लेंग होल्त्स उन दिनों एक प्रोविजन स्टोर के मालिक थे। काम कम और आराम अधिक होने से उनकी चर्बी बढ़ती जा रही थी। उनके शुभचिन्तक उन्हें वजन बढ़ने के खतरे बताते और उसे घटाने की सलाह देते। पर वे यह स्वीकार नहीं करते थे कि उनका मोटापा बढ़ रहा है।

एक दिन वे कोट के बटन बन्द कर रहे थे, पर वे ठीक तरह बन्द नहीं हुए। कसे हुए कोट को पहनने में हाल्त्स को जो परेशानी हो रही थी उसे देखकर स्टोर की एक सेल्स गर्ल्स ईवा खिल-खिलाकर हंस पड़ी। उनने पहली बार अनुभव किया कि वे सचमुच मोटे होते जा रहे हैं। तब उन्होंने उपचार आरम्भ किया और तीस पौण्ड वजन घटाया। इससे उनका बिगड़ता जा रहा स्वास्थ्य संभल गया।

कई वर्ष बाद होल्त्स की धर्मपत्नी ने एक भोज में रहस्योद्घाटन करते हुए बताया कि किस प्रकार उसने कोट के बटन बड़ी होशियारी से पीछे हटा दिये थे और किस प्रकार मजाक का प्रयोग सुधार के लिए किया था। श्रीमती होल्त्स कुछ वर्ष पूर्व की सेल्स गर्ल ईवा ही बन गई थी।


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