पादरी केलाल्ड उस दिन भोजन की मात्रा उतनी रखने की बात कह रहे थे कि जितना आसानी से पच सके इतना ही खाना चाहिए। धार्मिक जीवन के साथ संयम जुड़ा रहना चाहिए। पेटूपना अपना कर धन और जीवन की शक्ति का अपव्यय नहीं करना चाहिए।
बीच में से ही एक नवयुवक खड़ा हुआ और उसने प्रसिद्ध पहलवान ‘किंग काँग’ की भोजन सूची सुनाते हुए बताया कि अधिक खाने के कारण हो तो वह इतना बलवान है।
पादरी ने गम्भीर होकर पूछा-भला वह बलवान आदमी करता क्या है?
युवक ने बताया कि वह कुश्ती पछाड़ता है और बड़ों-बड़ों को धरती पर पटक देता है।
पादरी ने विश्वास के स्वरों में कहा-बच्चे! पेटू मनुष्य दूसरों को पछाड़ पटक ही सकता है। किसी को उठाने की बात उससे कहाँ बन पड़ती है?