एकाँगी दृष्टि रखने से हमें कोई वस्तु बहुत उपयोगी लगती है और कोई बहुत हानिकारक। पर उभयपक्षीय पर्यवेक्षण करने पर प्रतीत होता है कि इस संसार में कोई भी वस्तु न तो पूर्णतया बुरी है, न भली। हर बुराई के साथ कुछ अच्छाई और हर अच्छाई के साथ कुछ बुराई भी जुड़ी होती है। मक्खी को ही लें, वह मोटी दृष्टि से घिनौनी और हानिकारक लगती है संसार में उसकी अपनी उपयोगिता है, उसे भी भगवान ने निरर्थक नहीं कुछ महत्वपूर्ण काम सौंप कर ही संसार में भेजा है।