हसन जब सुलतान बन गये तो उनसे किसी ने पूछा-’आपके पास न तो पर्याप्त धन था और न दूसरों पर आक्रमण करने के लिए सैन्य बल। फिर बादशाह बनने का यह अपूर्व अवसर कैसे हाथ लग गया।
‘हाँ! इन वस्तुओं का तो अवश्य मेरे पास अभाव था पर मानव मात्र के प्रति हृदय में सेवा और उदारता का भाव क्या किसी सैन्य और धन बल से कम है?’ हसन का सीधा सादा उत्तर था।