शान्ति कुँज आना हो तो इन अनुरोधों को ध्यान में रखें
आगन्तुकों की रेल पेल ने शान्ति कुँज की सामान्य क्रमचर्या को इन दिनों बेतरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। अस्तु दर्शनार्थियों, आगन्तुकों और अतिथियों को निरुत्साहित एवं व्यवस्थित करने के लिये कुछ नियम प्रतिबन्ध रखने के लिये विवश होना पड़ा है। शान्तिकुँज आने से पूर्व इन पंक्तियों को भली भाँति पढ़ समझ लेना चाहिए।
(1) मात्र दर्शनों के लिये शान्ति कुँज नहीं आना चाहिये, अति आवश्यक होने पर ही शाँतिकुँज आयें
(2) आने से पूर्व अपने ठहरने आदि की व्यवस्था अन्यत्र करें, तदुपरान्त ही यहाँ पधारें।
(3) भेंट-वार्ता हर समय सम्भव नहीं। इसके लिये मध्याह्नोत्तर तीन से पाँच बजे तक का समय निर्धारित है। आशा है परिजन तीनों अनुरोधों का ध्यान रखेंगे। ताकि यहाँ वे प्रयोजन पूरे किये जा सकें जिनके लिये आश्रम की स्थापना की गई है।