एक राजा ने महात्मा को अपना हीरे-मोतियों से भरा खजाना दिखाया। महात्मा ने पूछा ‘इन पत्थरों से आपको कितनी आय होती है ?’ राजा ने कहा ‘आय नहीं होती बल्कि इनकी सुरक्षा पर व्यय होता है ?’ महात्मा, राजा को एक किसान की झोंपड़ी में ले गया। वहाँ एक स्त्री चक्की से अनाज पीस रही थी। महात्मा ने उसकी ओर संकेत कर कहा ‘तुम्हारे उन उपयोगहीन पत्थरों से यह पत्थर अच्छे जो पूरे परिवार का भरण-पोषण करते हैं।’