कुत्ते और बिल्ली की दोस्ती सुनी न होगी पर हुआ ऐसा ही। एक स्त्री ने एक कुत्ता पाला और एक बिजली। दोनों में गहरी मित्रता हो गई।
स्त्री पड़ोस में गई हुई थी। उबला हुआ दूध अलमारी में रखा था, गृहस्वामिनी उसे बन्द करना भूल गई थी। बिल्ली ने दूध देखा तो मुँह में पानी भर आया। मित्रता प्रदर्शित करते हुए कुत्ते से बोली, “भाई साहब! आइये दूध पिया जाये। घर में कोई है नहीं, क्यों न आज मनमाना दूध पिये
कुत्ते ने मना करते हुए कहा-नहीं बहन! जी मैं इस घर का रक्षक हूँ। मैं दूध पीने की अनुमति नहीं दे सकता। यह मेरा नैतिक कर्त्तव्य है।
धन्यवाद! भाई साहब-बिल्ली मखौल करती हुई बोली-किन्तु क्या आप मित्र की भावनाओं पर आघात करने का पाप नहीं कर रहे।’
नहीं बहन! कुत्ते ने गम्भीर होकर उत्तर दिया-मित्र को दण्ड से बचाने का पुण्य उस पाप की तुलना में बड़ा हैं। कुत्ते की दृढ़ता और सच्ची मंगल कामना से बिल्ली बहुत प्रभावित हुई। और उस दिन से चोरी करना छोड़ दिया।