अपने शत्रु को प्यार करो। जो तुम्हें शाप दें उन्हें आशीर्वाद दो। जो तुमसे घृणा करें उनके प्रति भलाई करो और उनके लिये भी प्रभु से शुभ प्रार्थना करो, जो तुम्हारे साथ तिरस्कारपूर्ण व्यवहार करते हों।