Quotation

October 1940

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अब श्वेतकेतु की आँखें खुल गई थीं। उसने जाना कि विश्व के समस्त ज्ञानों का मूल भगवत् परमात्मा है और वह परमात्मा मेरी आत्मा ही है।

(छाँदोग्य उपनिषद्)


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