विशेष ज्ञातव्य
अभियान साधना को दो वर्ष पूर्व युगसंधि महापुरश्चरण की पूर्णाहुति के बाद आरंभ किया गया था। इसमें एक वर्ष में पाँच लक्ष्य का गायत्री जप पूरा किया जाता है। किसी भी मास की शुक्लपक्ष की एकादशी से आरंभ कर इसे एक वर्ष तक नियमों के साथ संपन्न किया जाता है। नियम बड़े सरल हैं। माह की दोनोँ एकादशियों में उपवास एवं प्रत्येक एकादशी में दिन में 24 गायत्री मालाएं की जाती हैं। दस-दस दिन की तीन नवरात्रियों में प्रतिदिन 24 माला के हिसाब से 24000 का जप। शेष 306 दिनों में दस माला प्रतिदिन तथा प्रति रविवार पाँच माला अतिरिक्त। नवदुर्गाओं, एकादशी व गुरुवार या रविवार के दिन विशेष वर्णनाएं हैं। शेष दिन सामान्य क्रम में रहा जा सकता है। इस वर्ष भी 11 जून गायत्री जयंती के दूसरे दिन से पुनः एकवर्षीय अभियान साधना वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, अपने कष्टों का निवारण करने के लिए आरंभ की जा सकती है। प्रतिदिन न लिख सकें तो रविवार को न्यूनतम चौबीस गायत्री मंत्र भी लिखने का अभ्यास करें। विस्तार हेतु गायत्री महाविज्ञान (संयुक्त) का पृष्ठ 271 देख लें। हमारा अनुरोध है कि जितने अधिक साधक आरंभ कर सकें, वे करें व इसकी सूचना शाँतिकुँज, हरिद्वार को भी दे दें।