विशिष्ट सत्रों के विशिष्ट अनुशासन
1. निताँत मौन-एकाकी साधना जो कर सकें, अंतर्मुखी होने का मन हो या अभ्यास हो, वे ही इनमें आएं। 2. स्थान सीमित है। बिना पूरी जाँच-पड़ताल के तथा पूर्व अनुमति के कोई भी न आएं। निश्चित दिन स्थान खाली करदें 3. निर्धारित पुस्तकों का ही स्वाध्याय कर सकेंगे। समाचार पत्रों की दुनिया से पाँच दिन कटकर रहना होगा। 4. भोजन साधक की स्थिति के अनुसार यहीं से निर्धारित कर दिया जाएगा। अन्य किसी पदार्थ का सेवन नहीं कर सकेंगे। 5. अपने साथ किसी भी ऐसे व्यक्ति को लेकर नहीं आएंगे, जिन्हें अलग न ठहराया जा सके या उसकी देखभाल की चिंता करनी पड़े। 6. किसी भी प्रकार की गंभीर व्याधि से पीड़ित कोई साधक आवेदन न भेजें। 7. जो निर्धारित अनुशासन निभा सकें, अपने कार्य स्वयं कर सकें, एक कक्ष में अकेले रह सकें, वे ही आवेदन करें। 8. अनुमति मिल जाने पर भी यदि किसी साधक को कड़े अनुशासन पालने में अक्षम समझा गया, तो उन्हें साधना सत्र में शामिल नहीं किया जाएगा। 9. साधक अपनी अनुभूतियाँ लिख सकेंगे। सत्र समापन पर कोई परामर्श या जिज्ञासा-समाधान भी पा सकेंगे।