उसमें भूल क्या (kahani)

November 2001

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

ईसा ने उस दिन एक वेश्या का निमंत्रण स्वीकारा और उसके घर भोजन को गए। सारा शिष्य समुदाय भी साथ चला। चारों ओर काना-फूँसी चल पड़ी। यह कैसा भगवान का बेटा है, जो पापिनी से घृणा तक नहीं करता। शिष्यों में से धनाढ्य और मुखर सिमोन ने अपने मन की बात ईसा से कह भी दी, ‘उद्धार करना  तो सज्जन  का ही काम है, जो आप दुर्जनों के यहाँ जाते और बदनामी सहते हैं।’

ईसा ने उलटकर पूछा, ‘सिमोन यदि तुम चिकित्सक होते तो किसी जुकाम पीड़ित और शस्त्राहत रोगी में से किसे प्राथमिकता देते? तुम्हारा विवेक ऐसी स्थिति में तुम्हें क्या करने को प्रेरित करता?’ सिमोन ने शस्त्राहत की प्राणरक्षा के लिए जुकाम पीड़ित की तुलना में प्राथमिकता देने की बात कही।

ईसा ने फिर पूछा, ‘यदि मैं अधिक पापी को सुधारने को कम अपराधी की तुलना में प्राथमिकता देता हूँ, तो उसमें भूल क्या हुई?’


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles