क्या आप उत्तराधिकार में केवल भौतिक धन सम्पन्न ही छोड़ जान पसन्द करेंगे या ऐसी ऐसी पारसमणि जिससे आपके उत्तराधिकारी लाभान्वित हो और हजारों को लाभान्वित करे।
परमपूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने जीवनभर जो अपनी लेखनी से लिखा समय समय पर उनने अमृतवाणी के माध्यम से जो विचारों की अभिव्यक्ति की विचारसार व सूक्तियाँ लिख गये या अनायास कभी कह गये तथा पत्रों के माध्यम से जो अंतरंग र्स्वष जन-जन को दिया वह समय इस समय इस वांग्मय के खण्डों में है। मूल्य प्रति खण्ड 125 व सत्तर खण्डों का समर्पण सेट 7000
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*समाप्त*