Quotation

October 1998

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जब कोई मनुष्य अपने आपको अद्वितीय व्यक्ति समझने लगता है और अपने आपको चरित्र में सबसे श्रेष्ठ मानने लगता है तब उसका आध्यात्मिक पतन होता है


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