नेपोलियन (Kahani)

December 1996

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नेपोलियन अपने साथियों समेत एक राह जा रहा था वे लोग परी रास्ता घेर कर चल रहे थे, सामने से लाबोढा लिए एक मजूर आ राह था। नेपोलियन ने साथियों का हाथ पकड़ कर खींचा और कहा- “श्रम का सम्मान करो और मजदूर के लिए रास्ता दो।” बाद में उसने साथियों को समझाया कि जिन सत्प्रवृत्तियों को राज्य में बढ़ावा देना है, उनका सम्मान हम स्वयं करेंगे, तो ही उनकी प्रति जन उत्साह उभरेगा।


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