Quotation

December 1996

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सच्चे धर्मोपदेशक की परिभाषा रामकृष्ण परमहंस ने धर्मोपदेशकों की एक मंडली को उद्बोधन करते हुए कहा जिसके पास अपनी पूंजी नहीं वही दूसरा को क्या बांटेगा? तुम लोग धर्म के अनुशासन में अपने को बांधो ताकि कथनी और करनी के समन्वय से ऐसे प्रवचन कर सको जिसे लोग सुनें ही नहीं अपनाये भी।


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