सफाई (Kahani)

June 1994

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गाँधी जी की आकाँक्षा को कार्य रूप में परिणत करने वालों में बाबा राघव दास का नाम अग्रणी कै । इनका आश्रम बरहन (गोरखपुर) में था । वहाँ की जनता उन्हें उच्च कोटि का महात्मा मानती और उनके प्रति अपार श्रद्धा भावना रखती थी । एक बार बरहन में टाउन एरिया की सफाई कमेटी की अव्यवस्था के कारण कई हफ्तों तक पखाने साफ नहीं किये गये, इस कारण पूरी बस्ती में गंदगी फैल गई । बाबा राघव दास ने कमेटी के कर्मचारियों को लिखा । बार-बार कहने पर भी कर्मचारी टाल मटोल करते रहे । तब बाबा जी स्वयं बस्ती में पहुँचे और पखाने अपने हाथों से साफ करने लगे । गंदगी बहुत अधिक थी । वे पूरी लगन के साथ कार्य में जुटे रहे । यह देखकर पूरे कस्बे में हलचल मच गई । बड़े-बड़े घरों के पुरुष और स्त्रियाँ सफाई के कार्य में सहयोग करने लगे । देखते-देखते कस्बों के पखानों की सफाई हो गई । फिर तो सफाई कमेटी के कर्मचारियों की भी आँखें खुलीं और सफाई की तुरंत उचित व्यवस्था की गई ।


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