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April 1985

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महामानव, सन्त, सुधारक और शहीद का जीवन जीते हैं। वे अपने चरित्र और प्रयासों से असंख्यों को ऊँचा उठाते, आगे बढ़ाते हैं। उन्हें देवात्मा या ऋषि भी कहते हैं। ये ऋषि अवतार सत्ता के ही अंश होते हैं।


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