इंग्लैण्ड के धन कुबेर मोटर उद्योग पति लार्डफील्ड अपनी कार प्रदर्शन के सिलसिले में एक छोटे कस्बे में गये तो वहाँ के एक पत्रकार ने उनसे भेट की। और इंग्लैण्ड के कार उद्योग पर एक छोटा लेख लिख देने का अनुरोध किया।
नफील्ड सहमत हो गये और उसने लेख लिख दिया। सम्पादन उतने बड़े लेख का पारिश्रमिक पन्द्रह पोण्ड देते थे सो लेख छपने पर उनने वह राशि चैक से भेज दी।
चैक प्राप्ति के धन्यवाद सहित नफील्ड के सेक्रेटरी ने सम्पादन को लिखा-‘लार्ड महोदय, इस चैक को पाकर इतने प्रसन्न दीखते हैं जितने वे पहले कभी दिखाई नहीं दिये। आपका चैक उनने भुनाया नहीं वरन् शीशे में मढ़ा कर रख लिया है और हर किसी को दिखाते हुए कहते हैं- अब मैंने लेखक कला सीखी और अपने निज की कुशलता बढ़ा कर इतने रुपये कमाये हैं। अब तक तो मैं दूसरों की योग्यता और मेहनत से ही धन कमाता रहा इसलिए इतना आनन्द भी पहले कभी अनुभव नहीं किया।
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