यस्य न ज्ञायते वीर्यं न कुलं न विचेष्टितम्। न तेन संगति कुर्यादित्युवाच बृहस्पतिः॥
जिसका पराक्रम, कुल और चेष्टा न जानते हों उसके साथ संगति कभी नहीं करनी चाहिए ऐसा परम मनीषी बृहस्पति ने कहा है।
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