जर्मन वैज्ञानिक हेडफील्ड ने अपनी पुस्तक ‘साइकोलॉजी एण्ड मारन’ नामक पुस्तक में एक ऐसे वकील का उद्धरण दिया है जिसके पैर में निरन्तर दर्द रहता था, पर चिकित्सकों के निदान में उसका न तो कोई चिन्ह-प्रतीत होता था न कारण। मनोविज्ञान विश्लेषण के अनुसार बहुत दिन पूर्व उनकी साइकिल की चपेट में आने से एक बच्चे का पैर टूट गया था। लोग उन्हें दण्ड देंगे या भर्त्सना देंगे इस डर से वे बच्चे को उठाने या सहायता करने के स्थान पर अपनी जान बचाने के लिए भाग निकले। पकड़े तो न गये, पर बच्चे का दुःख और लँगड़े होने के कारण उत्पन्न कठिनाइयों की बात उन्हें सदा दुःख देती रही और वह मानसिक पाप उनके लिए पैर का दर्द बनकर सामने आया। लँगड़े-लूलों की सेवा के लिए एक संस्था को बड़ा योगदान देने पर उनका कष्ट दूर हो गया।
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