उपलब्धियों का सदुपयोग करना सीखें

March 1974

Read Scan Version
<<   |   <  | |   >   |   >>

प्राप्त करना उतना कठिन नहीं है— जितना उपलब्धि का सदुपयोग करना। सम्पत्ति अनायास या परिस्थिति वश भी मिल सकती है पर उसका सदुपयोग करने के लिए अत्यन्त दूरदर्शी विवेकशीलता और सन्तुलित बुद्धि की आवश्यकता पड़ेगी। सुयोग्य व्यक्ति यों की समीपता तथा सद्भावना प्राप्त कर लेना उतना कठिन नहीं है, जितना उस सान्निध्य का सदुपयोग करके समुचित लाभ उठा सकना।

मनुष्य में बीज रूप से वे समस्त सम्भावनाएँ विद्यमान हैं जो अब तक कहीं भी किसी भी व्यक्ति में देखी−पाई गई हैं। प्रयत्न करने पर उन्हें जगाया और बढ़ाया जा सकता है। कोई भी लगनशील मनस्वी व्यक्ति अपने को इच्छित दिशा में सफलता प्राप्त करने की आवश्यक क्षमताएँ उत्पन्न कर सकता है और उनका सदुपयोग करके मनचाही सफलता प्राप्त कर सकता है।

जो नहीं है उसे पाने के लिए अधिकाँश मनुष्य लालायित देखे जाते हैं। अप्राप्त को पाने के लिए व्याकुल रहने वालों की कमी नहीं। पर ऐसे कोई बिरले ही होते हैं जो आज की अपनी उपलब्धियों और क्षमताओं की गरिमा का मूल्याँकन करं सकें। उनके सदुपयोग की सुव्यवस्थित योजना बना सके। जो मिला हुआ है, वह इतना अधिक है कि उसका सही और सन्तुलित उपयोग करके प्रगति के पथ पर बहुत दूर तक आगे बढ़ा जा सकता है। अधिक पाने के लिए प्रयत्न करना उचित है पर इससे भी अधिक आवश्यक यह है कि जो उपलब्ध है उसका श्रेष्ठतम सदुपयोग करने के लिए योजनाबद्ध रूप से आगे बढ़ा जाये। जो ऐसा कर सके उन्हें जीवन में असफल रहने का दुर्भाग्य कभी भी सहन नहीं करना पड़ा है।


<<   |   <  | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118