एक व्यक्ति रेल में नदी के पुल पर चौकीदार का काम करता था। उसका चौदह वर्ष का लड़का भी उसके साथ था। एक दिन नदी में भीषण बाढ़ आई हुई थी। कई गाँव बह गए। बाप पुल देखने गया था और बेटा घर पर ही रहा। बाद में वह भी घर से निकला तो देखा कि पुल टूटा हुआ है। उसने बाप को पुकारा, पर कोई उत्तर नहीं मिला। उसने सोचा कि गाड़ी आने का समय हो रहा है यदि उसे न रोका गया तो गाड़ी नदी में जा गिरेगी और सब लोग मर जाएँगे। उसने गाड़ी को रोकने का निश्चय किया।
रेलगाड़ी वहाँ पहाड़ के तंग दर्रे से निकलती थी और वहाँ खड़े होने को भी जगह नहीं थी, किन्तु वह पटरी पर ठेला रखकर लाल रोशनी ले उस पर चढ़ गया। इतने में ही गाड़ी आ गई। ड्राइवर ने उसे देखकर गाड़ी खड़ी करने की बहुत चेष्टा की, परन्तु वह आगे बढ़ती चली गई। इतने में ही इंजिन के धक्के से ठेला कई फुट ऊँचा उछल पड़ा। लड़के की मृत्यु हो गई परन्तु हजारों व्यक्तियों के प्राण बच गए।