जीवन की सफलता के लिए मनुष्य को कम से कम इच्छाओं के साथ अनुशासित संयमित एवं कटी छटी जिन्दगी को लेकर प्रसन्नता पूर्वक कार्यरत रहना चाहिए।
इस प्रकार अबोझिल जिन्दगी में न असंतोष होता है और न क्षोभ। उसकी जिन्दगी हर और सुन्दर बनकर कलापूर्ण बन जाती है।
-श्रीराम शर्मा आचार्य