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August 1971

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प्रेम थकान को मिटाता है, दुःख को सुख बनाता है, जीवन की वाटिका में प्रेम का गुलाब खिलकर अपने चारों ओर सुगन्ध बिखेर देता है, प्रेम भगवान का श्रेष्ठ वरदान है। -वाल्टेयर

इस हलचल और कोलाहल से भरे संसार में जो व्यक्ति उदास, मौन ओर उखड़ा-उखड़ा सा दिखाई दे, उससे बिना पूछे ही समझ लेना चाहिए कि यह जीवन-संग्राम से भागा हुआ सिपाही है। वह भी ऐसा सिपाही जो बिना लड़े ही अपनी शक्ति में अविश्वास की दुर्बलता के कारण, समझ बैठा है कि मैदान में उतरने पर वह पराजित होकर चकना-चूर हो जायेगा। निःसन्देह ऐसे वे दिल और बुज़दिल उयनीयता के ही पात्र है। जो इस जीवन संघर्ष के सौंदर्य को अनुभव करने से बचते हैं। उनका जीवन श्मशान की भाँति ही सूना और भयानक हो जाता है, जिसमें हर्ष, उल्लास, आनन्द और अधीरता की तरंगें उठने के बजाय चिता की धूल उठा करती है।

लोकमान्यतिक


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