तथागत से एक बार सैन्याधिकारीने प्रश्न किया-”महात्मन्! धार्मिक ग्रन्थों में कही तो लिखा है, भगवान बड़े करुणाशील है जीव को कष्ट में देखते ही पिघल उठते हैं, कही लिखा है कि भगवान बड़े कठोर है, वह कठोर से कठोर दंड पाते लोगों को भी मुस्कराते हुए देखते रहते हैं। समझ में नहीं आता यह विरोधाभास क्यों है?”
तथागत ने मुस्कराते हुए उत्तर दिया- ‘‘इसलिए कि लोग उन परिस्थितियों को समझने में अपनी बुद्धि का उपयोग भी करें कि किस स्थिति में वह दयालु है- किसमें कठोर।”