विवेक का उपयोग

June 1969

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

रेगिस्तान में एक काफिला जा रहा था। शाम होते-होते एक स्थान पर कुछ वृक्ष दिखे, वही पड़ाव करने का निश्चय किया गया। स्थान पर पहुँचने पर लोगों ने देखा कि एक पेड़ पर बहुत से अच्छे पके फल लगे हैं। सभी दौड़ पड़े लाने के लालसा से। तभी सरदार ने रोक दिया, उसने कहा-”कार्य करने के पूर्व विवेक का उपयोग करना चाहियें। यदि यह फल उपयोगी होते तो पहले वाले काफिले ही इन्हें समाप्त कर देते। अनायास मिली वस्तु की उपयोगिता-अनुपयोगिता पर विचार कर लेना चाहिये। पहले फलों की परीक्षा कर लें।” और परीक्षण से ज्ञात हुआ कि फल जहरीले थे।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles