यथाशक्ति चिकीर्षन्ति, यथाशक्ति च कुर्वते।
न किंचिदवमन्यन्ते, नराः पण्डतबुद्धयः॥
जो मनुष्य शक्ति के अनुसार इच्छा करते हैं, शक्ति के अनुकूल काम करते हैं और किसी का निरादर नहीं करते- वे मनुष्य पण्डित बुद्धि होते हैं।