भुजायें सोने की खान है

June 1964

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एक माली के लड़के बड़े आलसी थे। वे काम-काज से जी चुराते और व्यर्थ की बातों में अपना समय नष्ट करते रहते। लड़कों के इस व्यवहार से माली बहुत दुःखी रहता। जब वह मरने लगा तो उसने लड़कों को बुलाया और कहा- तुम आलस में पड़े रहकर घर में जो कुछ है उस सब को बर्बाद कर दोगे। पर मैंने तुम्हारे भविष्य का ध्यान रखा है और बाग में प्रत्येक पेड़ के नीचे थोड़ा-थोड़ा सोना गाढ़ रखा है, जब जरूरत हो तब निकाल लेना। यह कहकर माली मर गया। घर में जो थोड़ी-सी पूँजी थी वह थोड़े ही दिनों में समाप्त हो गई। लड़के भूखों मरने लगे। उसने सोचा चलो पेड़ों के नीचे से सोना निकालें। वे जुट गये और एक-एक करके सब पेड़ों को खोदते गये। पर किसी के नीचे कुछ न निकला। लड़के जानते थे कि हमारा बाप कभी झूठ नहीं बोलता था फिर भी उसकी यह सोने वाली बात कैसे झूठी निकली इसका उन्हें आश्चर्य था। कुछ दिन बाद वर्षा हुई, पेड़ों के नीचे मिट्टी खुद जाने से जड़ों में काफी पानी पहुँचा और हर पेड़ ने भारी तादाद में फल दिये। आमदनी इतनी हुई कि हर पेड़ के नीचे सोना निकलने वाली बात सच हो गई। भुजायें सोने की खान है। परिश्रम करने से वह सोना सहज ही प्राप्त हो सकता है।


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