Quotation

February 1942

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

सद्व्यवहार से ही पुरुष वास्तविक पुरुष बन सकता है। इस पर यह और बढ़ाना उपयुक्त ही होगा कि स्त्रियाँ भी सद्व्यवहार से वास्तविक स्त्रियाँ बन सकती हैं।

****

जब तुम एक ऐसी आत्मा को देखते हो जिसके समस्त काम शाही, प्रतिभापूर्ण और गुलाब के फूलों के समान आनन्ददायक हैं, तब तुम्हें परमात्मा का धन्यवाद करना चाहिये कि ऐसी बातें हो सकती हैं और वर्तमान में हैं।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles