जैसा तुम अपने को बनाते हो वैसे ही हो। तुम स्वयं अपने स्वामी हो। यदि तुम स्वास्थ्य हो, शक्तिवान हो तथा साधारण कोटि की बुद्धि रखते हो तो तुम अपनी इच्छानुसार मानसिक, शारीरिक उन्नति कर सकते हो।