अन्य आश्रमों की उज्ज्वलता का आधार ब्रह्मचर्य की पवित्र साधना पर निर्भर है। इसलिए आध्यात्मिक दृष्टि से यह आश्रम मुख्य है। इसके लुप्त हो जाने से हिन्दू धर्म और हिन्दू जाति की बड़ी क्षति हुई है। प्रत्येक हिन्दू का कर्तव्य है कि इस आश्रम को तेजपूर्ण बचावे।
-महात्मा गाँधी।