— जन साधारण का मनःक्षेत्र जब कुविचारों से छुटकारा पाकर सद्विचारों और सद्भावों की ओर मुड़ता है तो लोगों के जीवन में सत्कर्मों की, आदर्श एवं
अनुकरणीय आचरणों की अभिवृद्धि होती है। इस प्रकार का सामूहिक सदाचार सूक्ष्म आकाश में एक प्रकार की ऐसी दिव्य सुगंध भर देता है, जिसके
फलस्वरूप दैवी आशीर्वाद एवं सुख-शांति की सतयुगी वर्षा होने लगती है।