कर्मकांड प्रदीप

गायत्री मञ्त्र के २४ देवता

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१. गणेश गायत्री- 
ॐ एक दन्ताय विद्महे,वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो बुद्धिः प्रचोदयात्। 

२. नृसिंह गायत्री- 
ॐ उग्रनृसिंहाय विद्महे, वज्रनखाय धीमहि। तन्नो नरसिंहः प्रचोदयात्। 

३. विष्णु गायत्री- 
ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्। 

४. शिव गायत्री- 
ॐ पञ्चवक्त्राय विद्महे, महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्। 

५. कृष्ण गायत्री- 
ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि। तन्नः कृष्णः प्रचोदयात्। 

६. राधा गायत्री- 
ॐ वृषभानुजायै विद्महे,कृष्ण प्रियायै धीमहि। तन्नो राधा प्रचोदयात्। 

७. लक्ष्मी गायत्री- 
ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे, विष्णुप्रियायै धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्। 

८. अग्नि गायत्री- 
ॐ महाज्वालाय विद्महे, अग्निदेवाय धीमहि। तन्नो अग्निः प्रचोदयात्। 

९. इन्द्र गायत्री- 
ॐ सहस्रनेत्राय विद्महे ,, वज्रहस्ताय धीमहि तन्नः इन्द्रः प्रचोदयात्। 

१०. सरस्वती गायत्री- 
ॐ सरस्वत्यै विद्महे, ब्रह्मपुत्र्यै धीमहि। तन्नो देवीः प्रचोदयात्। 

११. दुर्गा गायत्री- 
ॐ गिरिजायै विद्महे , शिवप्रियायै धीमहि। तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्। 

१२. हनुमान् गायत्री- 
ॐ अञ्जनीसुताय विद्महे , वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो मारुतिः प्रचोदयात्। 

१३. पृथ्वी गायत्री- 
ॐ पृथ्वीदेव्यै विद्महे, सहस्रमूर्त्यै धीमहि। तन्नो पृथ्वी प्रचोदयात्। 

१४. सूर्य गायत्री- 
ॐ भास्काराय विद्महे, दिवाकराय धीमहि ।। तन्नः सूर्य्यः प्रचोदयात्। 

१५. राम गायत्री- 
ॐ दाशरथये विद्महे , सीता वल्लभाय धीमहि। तन्नो रामः प्रचोदयात्। 

१६. सीता गायत्री- 
ॐ जनकनन्दिन्यै विद्महे , भूमिजायै धीमहि। तन्नः सीता प्रचोदयात्। 

१७. चन्द्र गायत्री- 
ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे , अमृत- तत्वाय धीमहि। तन्नश्चन्द्रः प्रचोदयात्। 

१८. यम गायत्री- 
ॐ सूर्य पुत्राय विद्महे ,, महाकालाय धीमहि। तन्नो यमः प्रचोदयात्। 

१९. ब्रह्मा गायत्री- 
ॐ चतुर्मुखाय विद्महे , हंसारूढाय धीमहि ।। तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात्। 

२०. वरुण गायत्री- 
ॐ जलबिम्बाय विद्महे , नीलपुरुषाय धीमहि। तन्नो वरुणः प्रचोदयात्। 

२१. नारायण गायत्री- 
ॐ नारायणाय विद्महे , वासुदेवाय धीमहि। तन्नो नारायणः प्रचोदयात्। 

२२. हयग्रीव गायत्री- 
ॐ वाणीश्वराय विद्महे , हयग्रीवाय धीमहि। तन्नो हयग्रीवः प्रचोदयात्। 

२३. हंस गायत्री- 
ॐ परमहंसाय विद्महे , महाहंसाय धीमहि ।। तन्नो हंसः प्रचोदयात्। 

२४. तुलसी गायत्री- 
ॐ तुलस्यै विद्महे , विष्णुप्रियायै धीमहि। तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्। 

२५. महाकाल गायत्री- 
ॐ प्रखर प्रज्ञाय विद्महे, महाकालाय धीमहि। तन्नः श्रीरामः प्रचोदयात्। 

२६. महाशक्ति गायत्री- 
ॐ सजल श्रद्धायै विद्महे, महाशक्त्यै धीमहि।  तन्नो भगवती प्रचोदयात्। 
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