सङ्केत- विवरण
१. अथर्व. - अथर्ववेद
२. आ. गृ. सू. - आश्वलायन-गृह्य सूत्र
३. आ. हृ. स्तो. - आदित्य हृदय- स्तोत्र
४. ईश. - ईशावास्योपनिषद्
५. ऋ . - ऋग्वेद
६. ऐत. बा. - ऐतरेय ब्राह्मण
७. का. श्रौ. सू. - कात्यायन-श्रौत सूत्र
८. कृ. गा. - कृष्ण गायत्री
९. गा. गी. - गायत्री गीता
१०. गा.पु.प. - गायत्री पुरश्चरण- पद्धति
११. गु. गी. - गुरु गीता
१२. गो. गृ. सू. - गोभिल गृह्यसूत्र
१३. जै. सू. - जैमिनीय सूत्र
१४. तै. आ. - तैत्तिरीय- आरण्यक
१५. तैत्ति. सं. - तैत्तिरीय संहिता
१६. दु. गा. - दुर्गा गायत्री
१७. दे. भा. - देवी भागवत
१८. नृ. गा. - नृसिंह गायत्री
१९. पा. गृ. सू. - पारस्कर गृह्य सूत्र
२०. प्र. म. - प्रतिष्ठा महोदधि
२१. बृह. उ. बृहदारण्यक उपनिषद्
२२. ब्र. गा. - ब्रह्मा गायत्री
२३. ब्र. पु. - ब्रह्म पुराण
२४. मं. ब्रा. - मन्त्र ब्राह्मण
२५. मा. गृ. सू. - मानव गृह्य सूत्र
२६. मा. पु. - मार्कण्डेय पुराण
२७. य. गा. - यम गायत्री
२८. रा. गा. - राम गायत्री
२९. रा. च. मा. - राम चरित मानस
३०. रा. रह. - राम रहस्योपनिषद्
३१. रु. गा. - रुद्र गायत्री
३२. ल. गा. - लक्ष्मी गायत्री
३३. लौगा.स्मृ. - लौगाक्षि स्मृति
३४. व.गा - वरुण गायत्री
३५. वा.पु. - वामन पुराण
३६. वि. गा. - विष्णु गायत्री
३७. श्री. - श्री सूक्त
३८. सं. प्र. - सन्ध्या प्रयोग
३९. सी.गा. - सीता गायत्री
४०. हं. गा. - हंस गायत्री
४१. ह. गा. - हनुमान् गायत्री
नोट-
१. जिन मन्त्रों के नीचे केवल अङ्क लिखे हैं, वे यजुर्वेद के हैं।
२. यज्ञ सञ्चालन के समय की जाने वाली संक्षिप्त व्याख्या हेतु मन्त्र के ठीक ऊपर वाले अनुच्छेद (पैराग्राफ)को प्रयोग में ला सकते हैं।