(यज्ञ कर्मकाण्ड प्रकरण में दिये गये मन्त्रों का उपयोग करें)
सामूहिक पवित्रीकरण, (षट्कर्म प्रकरण से) तिलक, (चन्दन) रक्षासूत्र, गुरु- गायत्री आवाहन, सर्वदेवनमस्कार, स्वस्तिवाचन के उपरान्त मङ्गलं भगवान् विष्णुः...... स्वस्ति नऽ इन्द्रोवृद्धश्रवाः..........मन्त्र का पाठ करते हुए स्वस्तिक या ॐ बनायें और पूजन करें, स्टेयरिंग, मुख्य मशीन या मुख्य स्थान पर पूजन सामग्री (नारियल आदि) समर्पित करें। उपस्थित सभी परिजन स्वस्तिवाचन के समय दिया गया अक्षत- पुष्प शुभकामना पुष्पाञ्जलि के भाव से मुख्य स्थान पर चढ़ायें। शान्तिपाठ के साथ कार्यक्रम समाप्त करें। उपर्युक्त सभी मन्त्र प्रारम्भिक पृष्ठों में दिये गये हैं।
नोट- मन्त्र- (मन्त्रपाठ करते हुए स्वस्तिक बनायें और पूजन करें।)
* स्टेयरिंग में कलावा बँधवा दिया जाय।
* बोनट पर बड़ा सा स्वस्तिक बनवा दें।
* गाड़ी के अन्दर पुष्पाक्षत डालकर पूजन करें ।।
* चित्र व स्टीकर लगवा दें।
* स्वस्तिवाचन के पुष्पाक्षत सभी लोग गाड़ी के ऊपर डालते रहें।