अखण्ड ज्योति का अगला अंक ‘देव संस्कृति विश्वविद्यालय विशेषाँक’ है। इसमें विस्तार से इस स्थापना की अवधारणा एवं अनंत संभावनाओं का वर्णन है। अतिरिक्त प्रतियों के लिए पाठकगण ‘अखण्ड ज्योति संस्थान’ से संपर्क करें।